Thursday, September 26, 2013

राम ने रामसेतु नष्ट कर दिया था.....?
अटल जी की सरकार ने राम सेतु से नहर बना समुद्री मार्ग खोलने का फ़ैसला किया था। अरे भाई गलती हर किसी से होती है, अब अटल जी से गलती हुई तो इसका मतलब थोड़े कि नराधम कांग्रेस उसका बहाना बना कर श्रद्धेय रामसेतु को तोड़ दे। राम सेतु परियोजना का नाम आते ही हर संघी आज कल भावविह्वल हो मृत्यु शय्या पर पड़े दशरथ की तरह 'हा राम' चीत्कार उठता है। ऐसा लगता है कि जाने-माने राम सेतु टूट गया तो ये ऊपर जाकर भगवान राम को क्या मुंह दिखायेंगे। भगवान अपना सेतु न बचा पाने के अपराध से कुपित होकर इनको सीधा खौलते तेल के कड़ाही में फ़ेंकवा देंगे। आप ही सोचिये कि बाबरी मस्जिद गिराने के संचित पुण्य से स्वर्गाधिकारी हो चुका हर संघी स्वर्ग में विजय माल्या टाइप सुरा सुंदरी में तर होने का टिकट पा चुका था, अचानक अपने नर्क में धकेले जाने की संभावना से कितना हकबकाया हुआ होगा। कल तरूण विजय का राज्य सभा में भाषण सुनते समय मुझे लगा रहा था कि अब धार-धार रोये कि तब।

अच्छा मैं तो कोई वैज्ञानिक नही हूं, शुद्ध राम भक्त हूं। जिसको शंका हो वह आकर मुझसे धारोधार रामरक्षा स्त्रोत रामचरित मानस का पाठ सुन सकता है। अब उम्र के इस पड़ाव पर मैं कम्युनिस्ट भी नहीं हो सकता। जहां कोई कष्ट हुआ नहीं कि मुंह से आप ही आप 'हे राम' निकल जाता है। और राम भक्त होने के नाते मैं इनको शास्त्रार्थ पर भी आमंत्रित कर चुका हूं कि भाई रामसेतु ये है ही नहीं। पहली बात तो नल नील ने राम लिख कर चट्टान पेड़ आदि को समुद्र में तैराया था। सो रामसेतु पानी में तैरने वाला सेतु था जमीन से जुड़ा हुआ नहीं। यह भौगोलिक संरचना राम सेतु हो ही नहीं सकती। दूसरे लंका विजय के बाद विभीषण ने प्रभु से विनती की - 'प्रभु श्री राम यह सेतु मेरे राज्य पर सतत खतरा बना रहेगा, आपके नाम के प्रभाव के कारण इसे नष्ट भी नहीं किया जा सकता। केवल आप ही इसे नष्ट कर सकते हैं।' इस पर प्रभु श्री राम ने इस सेतु को नष्ट कर दिया था। रामायण में यह स्पष्ट दिया हुआ है। लेकिन संघियों और उनके बाबू जी मोहन बैटरी को तो दिल्ली फ़तह करना है वे तो गधे को भी बाप बना सकते है। एक सज्जन हमसे बोले कि भले ये वह राम सेतु नहीं पर राम उसी रास्ते से लंका गये थे सो वह हमारे लिये पूजनीय है। हमने कहा फ़ेर अयोध्या से लेकर लंका तक पूरा रास्ता पूजनीय हुआ कि नहीं। काहे रेलवे लाइन, रोड, नहर बनने दिये, भाजपा शासित राज्यों मे बना रहे हो? वह सज्जन खसक लिये।

Sawami Viveka Nand aur Gandhi Ji ki nazar mein Islam

स्वामी विवेकानंद का इस्लाम के बारे में नज़रिया

‘‘...मुहम्मद (इन्सानी) बराबरी, इन्सानी भाईचारे और तमाम मुसलमानों के भाईचारे के पैग़म्बर थे। ...जैसे ही कोई व्यक्ति इस्लाम स्वीकार करता है पूरा इस्लाम बिना किसी भेदभाव के उसका खुली बाहों से स्वागत करता है, जबकि कोई दूसरा धर्म ऐसा नहीं करता। ...हमारा अनुभव है कि यदि किसी धर्म के अनुयायियों ने इस (इन्सानी) बराबरी को दिन-प्रतिदिन के जीवन में व्यावहारिक स्तर पर बरता है तो वे इस्लाम और सिर्फ़ इस्लाम के अनुयायी हैं। ...मुहम्मद ने अपने जीवन-आचरण से यह बात सिद्ध कर दी कि मुसलमानों में भरपूर बराबरी और भाईचारा है। यहाँ वर्ण, नस्ल, रंग या लिंग (के भेद) का कोई प्रश्न ही नहीं। ...इसलिए हमारा पक्का विश्वास है कि व्यावहारिक इस्लाम की मदद लिए बिना वेदांती सिद्धांत—चाहे वे कितने ही उत्तम और अद्भुत हों—विशाल मानव-जाति के लिए मूल्यहीन (Valueless) हैं...।’’

स्वामी विवेकानंद (विश्व-विख्यात धर्मविद्)
—‘टीचिंग्स ऑफ विवेकानंद, पृष्ठ-214, 215, 217, 218) अद्वैत आश्रम, कोलकाता


गांधी जी का इस्लाम के बारे में नजरिया

‘‘ इस्लाम अपने अति विशाल युग में भी अनुदार नही था, बल्कि सारा संसार उसकी प्रशंसा कर रहा था। उस समय, जबकि पश्चिमी दुनिया अन्धकारमय थी, पूर्व क्षितिज का एक उज्जवल सितारा चमका, जिससे विकल संसार को प्रकाश और शान्ति प्राप्त हुर्इ। इस्लाम झूठा मजहब नही हैं। हिन्दुओं को भी इसका उसी तरह अध्ययन करना चाहिए, जिस तरह मैने किया हैं। फिर वे भी मेरे ही समान इससे प्रेम करने लगेंगे।
मै पैगम्बरे-इस्लाम की जीचनी का अध्ययन कर रहा था। जब मैने किताब का दूसरा भाग भी खत्म कर लिया, तो मुझे दुख हुआ िक इस महान प्रतिभाशाली जीवन का अध्ययन करने के लिए अब मेरे पास कोर्इ और किताब बाकी नही। अब मुझे पहले से भी ज्यादा विश्वास हो गया हैं कि यह तलवार की शक्ति न थी, जिसने इस्लाम के लिए विश्पक्षेत्र में विजय प्राप्त की, बल्कि यह इस्लाम के पैगम्बर का अत्यन्त सादा जीवन, आपकी नि:स्वार्थता, प्रतिज्ञा-पालन और निर्भयता थी। यह आपका अपने मित्रों और अनुयायियों से प्रेम करना और र्इश्वर पर भरोसा रखना था। यह तलवार की शक्ति नही थी, बल्कि वे विशेषताएॅ और गुण थें, जिनसे सारी बाधाएॅ दूर हो गर्इ और आप (सल्ल0) ने समस्त कठिनार्इयों पर विजय प्राप्त कर ली।

मुझसे किसी ने कहा था कि दक्षिणी अफरीका में जो यूरोपियन आबाद हैं, इस्लाम के प्रचार से कॉप रहे हैं, उसी इस्लाम से जिसने मराकों में रौशनी फलार्इ और संसार वासियों को भार्इ-भार्इ बन जाने का सुखद-संवाद सुनाया, निस्संदेह दक्षिणी अफरीकी के यूरोपियन इस्लाम से नहीं डरते हैं, बल्कि वास्तव में वे इस बात से डरते है कि अगर अफरीका के आदिवासियों ने इस्लाम कबूल कर लिया तो वे श्वेत जातियों से बराबरी का अधिकार मॉगने लगेंगे। आप उनको डरने दीजिए। अगर भार्इ-भार्इ बनना पाप हैं, तो यह पाप होने दीजिए। अगर वे इस बात से परेशान हैं कि उनका नस्ली बड़प्पन, कायम न रह सकेगा तो उनकाडरना उचित हैं, क्योकि मैने देखा हैं अगर एक जूलों र्इसार्इ हो जाता है तो वह फिर भी सफेद रंग के र्इसाइयों के बराबर नही हो सकता। किन्तु जैसे ही वह इस्लाम ग्रहण करता हैं, बिल्कुल उसी वक्त वह उसी प्याले में पानी पीता हैं और उसी प्लेट में खाना खाता हैं, जिसमे कोर्इ और मुसलमान पानी पीता और खाना खाता हैं। तो वास्तविक बात यह है जिससे यूरोपियन कॉप रहे हैं। (जगत महर्षि पृष्ठ 2)

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 — with Firoz Azmi Firoz Azmi.

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Balatkar ke Nishan Dikhane ke liye Darogane ne kapre utarne ko kaha.

Balatkar ke Nishan Dikhane ke liye Darogane ne kapre utarne ko kaha.

Pehle Daroga ne 50000 rupiah manga. Inkar karne par andar ke room me lejake gate band kar diya.

UP ke Khushinagar District mein aisa hua Daroga ka naam Jasraj hai.

Ab main kya bolun. Video dekhtar aur niche ka links parh kar aaphi kuchh boldo...Admin-MJ

Hindi Source :
http://khabar.ndtv.com/news/show/girl-forced-to-strip-in-order-to-show-signs-of-rape-in-police-station-40108

English Source:
http://rt.com/news/rape-teen-strip-police-325/
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फटा समंदर निकला टापू

कहीं ये कोई क़यामत की निशानी तो नहीं......

फटा समंदर निकला टापू, पाकिस्तान में भूकंप के बाद कुदरत का करिश्मा

जिस टापू की तस्वीर आप ऊपर देख रहे हैं, उसने बुधवार को ही अपनी पहली सुबह देखी है. इस टापू को अभी कोई नाम नहीं मिला है, लेकिन इसकी चर्चा दुनिया भर में है. यह पाकिस्तान के सबसे चर्चित बंदरगाह ग्वादर से महज 350 फीट दूर है. इसका क्षेत्रफल 40 वर्गफीट है और वैज्ञानिकों के लिए यह कई बड़े बदलावों का इशारा है.

दहशत और मातम के इसी माहौल में अरब सागर अपने भीतर मची हलचल से जूझ रहा था. कुछ सेकेंड की उथल-पुथल के बाद सागर की लहरों पर एक नई आकृति उभरने लगी. देखते ही देखते करीब 40 वर्गफीट जमीन अरब सागर के नक्शे पर अपनी जगह और पहचान बना चुकी थी. धरती के नक्शे पर एक नया सदस्य अपनी दावेदारी पेश कर चुका था.

खतरे की घंटी तो नहीं
भूकंप के केंद्र बलूचिस्तान के अवारन से इस टापू तक की भौगोलिक स्थितियों का विश्लेषण अभी बाकी है. टापू का बनना लोगों के लिए भले ही एक दिलचस्प घटना हो, लेकिन बलूचिस्तान में आया भूकंप, भूगर्भशास्त्रियों के लिए ये किसी बड़े बदलाव की आहट हो सकती है. जमीन के ऊपर उठने का मतलब है, जलस्तर बढ़ना और यह तटीय शहरों के लिए खतरे की घंटी भी हो सकता है.

#08
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राम ने रामसेतु नष्ट कर दिया था...

राम ने रामसेतु नष्ट कर दिया था.....?
अटल जी की सरकार ने राम सेतु से नहर बना समुद्री मार्ग खोलने का फ़ैसला किया था। अरे भाई गलती हर किसी से होती है, अब अटल जी से गलती हुई तो इसका मतलब थोड़े कि नराधम कांग्रेस उसका बहाना बना कर श्रद्धेय रामसेतु को तोड़ दे। राम सेतु परियोजना का नाम आते ही हर संघी आज कल भावविह्वल हो मृत्यु शय्या पर पड़े दशरथ की तरह 'हा राम' चीत्कार उठता है। ऐसा लगता है कि जाने-माने राम सेतु टूट गया तो ये ऊपर जाकर भगवान राम को क्या मुंह दिखायेंगे। भगवान अपना सेतु न बचा पाने के अपराध से कुपित होकर इनको सीधा खौलते तेल के कड़ाही में फ़ेंकवा देंगे। आप ही सोचिये कि बाबरी मस्जिद गिराने के संचित पुण्य से स्वर्गाधिकारी हो चुका हर संघी स्वर्ग में विजय माल्या टाइप सुरा सुंदरी में तर होने का टिकट पा चुका था, अचानक अपने नर्क में धकेले जाने की संभावना से कितना हकबकाया हुआ होगा। कल तरूण विजय का राज्य सभा में भाषण सुनते समय मुझे लगा रहा था कि अब धार-धार रोये कि तब।

अच्छा मैं तो कोई वैज्ञानिक नही हूं, शुद्ध राम भक्त हूं। जिसको शंका हो वह आकर मुझसे धारोधार रामरक्षा स्त्रोत रामचरित मानस का पाठ सुन सकता है। अब उम्र के इस पड़ाव पर मैं कम्युनिस्ट भी नहीं हो सकता। जहां कोई कष्ट हुआ नहीं कि मुंह से आप ही आप 'हे राम' निकल जाता है। और राम भक्त होने के नाते मैं इनको शास्त्रार्थ पर भी आमंत्रित कर चुका हूं कि भाई रामसेतु ये है ही नहीं। पहली बात तो नल नील ने राम लिख कर चट्टान पेड़ आदि को समुद्र में तैराया था। सो रामसेतु पानी में तैरने वाला सेतु था जमीन से जुड़ा हुआ नहीं। यह भौगोलिक संरचना राम सेतु हो ही नहीं सकती। दूसरे लंका विजय के बाद विभीषण ने प्रभु से विनती की - 'प्रभु श्री राम यह सेतु मेरे राज्य पर सतत खतरा बना रहेगा, आपके नाम के प्रभाव के कारण इसे नष्ट भी नहीं किया जा सकता। केवल आप ही इसे नष्ट कर सकते हैं।' इस पर प्रभु श्री राम ने इस सेतु को नष्ट कर दिया था। रामायण में यह स्पष्ट दिया हुआ है। लेकिन संघियों और उनके बाबू जी मोहन बैटरी को तो दिल्ली फ़तह करना है वे तो गधे को भी बाप बना सकते है। एक सज्जन हमसे बोले कि भले ये वह राम सेतु नहीं पर राम उसी रास्ते से लंका गये थे सो वह हमारे लिये पूजनीय है। हमने कहा फ़ेर अयोध्या से लेकर लंका तक पूरा रास्ता पूजनीय हुआ कि नहीं। काहे रेलवे लाइन, रोड, नहर बनने दिये, भाजपा शासित राज्यों मे बना रहे हो? वह सज्जन खसक लिये।

Wednesday, September 25, 2013

इतिहास की किसी भी बात को प्रमाणित करने के कुछ तरीके होते हैं

इतिहास की किसी भी बात को प्रमाणित करने के कुछ तरीके होते हैं |
1 - लिखित प्रमाण
2 - भौतिक प्रमाण
3 - वैज्ञानिक विश्लेषण
4 - तर्क

आज हम दो मुख्य विचारों का इनमे तुलनात्मक अध्यन करेंगे और देखेंगे किन बातों को कितने अधिक तरीको से प्रमाणित किया जा सकता है -

1 - मोहम्मद साहब द्वारा चाँद के दो टुकड़े करना
2 - हनुमान जी द्वारा संजीवनी पर्वत को उठाना और लंका तक ले जाना
पर ये छोटा मालूम पड रहा था हम सनातनी है इसलिए बड़प्पन दिखाते हुए कुछ अन्य को भी जोड़ देते हैं (एक बात को साबित करना आसान होता है इसलिए ) जिसमे हनुमान जी में उड़ने की शक्ति की और उनके अतुलित बल की लंका दहन को भी शामिल कर लेते हैं और हाँ इन सबके बाद हम विशेष मांग पे सूर्य को निगलने की घटना को भी कर लेते हैं |

तो जैसा की पहले बताया की आज कल हम अधविश्वास और विश्वास का अंतर ढूंढ रहे हैं इसी उद्देश्य से हमने पहले चाँद के दो टुकड़े करने की घटना का वर्णन किया था ....

पर कुछ भाइयों ने इसके संदर्भ में हनुमान जी पर प्रश्न उठाये तो तुलनात्मक विश्लेषण की जरुरत महसूस हुई .....

तो ऐसा वर्णन मिलता है की चाँद को तोड़ के दो टुकड़े कर दिए गए थे ये दैवीय घटना लगती है और 1400 साल पहले के समय को देखते हुए संभव भी नहीं

1 - लिखित प्रमाण - इस घटना के लिखित प्रमाण इस्लामी ग्रंथो में मिलते हैं हमारे एक भाई ने भी इसको हमें बताया था कमेंट के माध्यम से |

2 - भौगोलिक प्रमाण – अब तक इतनी बड़ी भौगोलिक घटना का कोई भी प्रमाण उपलब्ध नहीं है न ही ऐसी घटना होने पर होने वाली संभावित तबाही का कोई जिक्र कहीं किया गया चाँद में भी इतनी बड़ी घटना के घटने के भौगोलिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है | जैसे चाँद की पूरी परिधि पर टूटने और वापस जुड़ने के निशान का होना | ये तो संभव नहीं की वो निशान प्लास्टिक सर्जरी से ठीक कर दिए गए हों |

3 - वैज्ञानिक विश्लेषण - वैज्ञानिक विश्लेषण से पता चलता है की आज तक ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई और ऐसा किये जाने पर तत्कालीन प्रभाव से ज्वार भाटा जो चाँद के गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होते हैं अनियमित हो जायेंगे |
भीषण चक्रवाती तूफ़ान , सुनामी , भूकंप पूरी धरती को कुछ ही समय में तबाह कर देंगे और पृथ्वी अपने सौरमंडल के परिक्रमा पथ से भी विचलित हो जाएगी | हो सकता है पृथ्वी एक बड़े उल्कापिंड की तरह ब्रह्माण में गतिशील हो जाये मतलब कुछ बचेगा नहीं |

4 - तर्क - point 1 - लिखित प्रमाण को छोड़कर ऐसी किसी भी संभावना का कोई औचित्य नहीं दिखता और घटना एक गप्प की भाँती नजर आती है | फिर भी तर्क की गुंजाइश रहती है की शायद दुनिया वालों ने ध्यान न दिया हो और जब चाँद को तोडा गया हो तब दिन का उजाला हो और कोई देख न सका हो |
पर भौगोलिक प्रमाणों का होना तो बनता है जैसे चाँद की सतह पे पूरी परिधि में जोड़ का निशान होना |
इसके अतिरिक्त वैज्ञानिक विश्लेषण से प्राप्त डाटा के अनुसार चाँद के प्रभाव से मचने वाली भीषण तबाही वो भी जो 1400 साल पहले घटी तो इसको इतिहासकार कैसे नहीं लिख पाए और धरती और चाँद पे भौगोलिक प्रमाण भी नहीं उपलब्ध हैं |

निष्कर्ष - व्यक्ति विशेष द्वारा एक लिखित प्रमाण को छोड़कर अन्य कही भी ये बात साबित नहीं होती और घटना एक गप्प से अधिक कुछ भी साबित नहीं होती |

अब आते हैं हनुमान जी द्वारा संजीवनी पर्वत को उठाना और लंका तक ले जाना
हनुमान जी में उड़ने की शक्ति की और उनके अतुलित बल को
लंका दहन को
विशेष मांग पे सूर्य को निगलने की घटना को भी कर लेते हैं जिसके बारे में सबसे अधिक अनिश्चितता और अनभिज्ञता है |

1- लिखित प्रमाण – इन घटनाओ के लिखित प्रमाण दुनिया भर की रामायणों जो अलग अलग भाषाओँ में है में और दुनिया भर के हिन्दू ग्रंथो में मिलते हैं | कुछ अंतर हो सकता है पर सार एक ही है और एक ही बात को इंगित करते हैं | यहाँ ध्यान देने वाली बात और मुख्य अंतर यही है की एक ही बात को अलग अलग भाषाओं की रामायणों में अलग अलग व्यक्तियों के द्वारा लिखा गया |


2 - भौगोलिक प्रमाण – श्रीलंका में रामायण काल की जितनी भी बातें हैं उनकी निशानियाँ उपलब्ध हैं चाहें वो सम्पूर्ण पर्वत की बात हो या लंका दहन की , या अशोक वाटिका की सभी कुछ उपलब्ध है | अब जब इतने बड़े पर्वत के एक भाग को ले जाने की घटना हुई तो उसका भौगोलिक प्रभाव एवं प्रमाण भी होना चाहिए | इसलिए कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहें हैं जो स्वतंत्र लिंक हैं और किसी का हस्तक्षेप नहीं है |

“”रामायण का लंका कांड। युद्ध के मैदान में लक्ष्मण और मेघनाद एक दूसरे से जूझ रहे थे। इस बीच मेघनाद ने चला दी शक्ति, बाण लक्ष्मण के सीने में लगा। मूर्छित हो गए लक्ष्मण।
विभीषण के कहने पर लंका से वैद्य सुषेण को बुलाया गया। सुषेण ने आते ही कहा कि लक्ष्मण को अगर कोई चीज बचा सकती है ते वो हैं चार बूटियां-मृतसंजीवनी, विशालयाकरणी, सुवर्णकरणी और संधानी बूटियां। ये सभी बूटियां सिर्फ हिमालय पर मिल सकती थीं।

हनुमान आकाशमार्ग से चलकर हिमालय पर्वत पहुंचे। सुषेण ने संजीवनी को चमकीली आभा और विचित्र गंध वाली बूटी बताया था। पहाड़ पर ऐसी कई बूटियां थीं। पहचान न पाने के कारण हनुमानजी पर्वत का एक हिस्सा ही तोड़कर उठा ले गए थे।

पहाड़ लेकर युद्धक्षेत्र पहुंचे हनुमान ने पहाड़ वहीं रख दिया। वैद्य ने संजीवनी बूटी को पहचाना और लक्ष्मण का उपचार किया। लक्ष्मण ठीक हो गए और राम ने रावण को युद्ध में पराजित कर दिया। हनुमान का लाया वो पहाड़ वहीं रखा रहा।

उस पहाड़ को आज सारी दुनिया “रूमास्सला पर्वत” के नाम से जानती है। श्रीलंका की खूबसूरत जगहों में से एक उनावटाना बीच इसी पर्वत के पास है। उनावटाना का मतलब ही है आसमान से गिरा।

साभार –1 - http://khabar.ibnlive.in.com/news/2441/9
ये एक न्यूज़ पोर्टल का लिंक है पर हो सकता है किसी संघी मानसिकता ने सभी सम्प्रदायों को नीचा दिखाने के लिए लिख दिया हो इसलिए कुछ विदेशी लिंक भी देते हैं |

2 - http://hdrcreme.com/photos/20084-Sama-Chethiya-Rumassla-Sri-Lanka

3 - http://www.johnkeellshotels.com/Hikkaduwa_RumassalaMountain.htm

4 - http://en.wikipedia.org/wiki/Unawatuna


श्रीलंका के दक्षिण समुद्री किनारे पर कई ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वहां हनुमान के लाए पहाड़ के टुकड़े गिरे थे। इनमें रूमास्सला हिल सबसे अहम है। खास बात ये कि जहां-जहां ये टुकड़े गिरे, वहां-वहां की जलवायु और मिट्टी बदल गई।



इन जगहों पर मिलने वाले पेड़-पौधे श्रीलंका के बाकी इलाकों में मिलने वाले पेड़-पौधों से काफी अलग हैं। रूमास्सला के बाद जो जगह सबसे अहम है वो है रीतिगाला। हनुमान जब संजीवनी का पहाड़ उठाकर श्रीलंका पहुंचे, तो उसका एक टुकड़ा रीतिगाला में गिरा।

5 - http://en.wikipedia.org/wiki/Ritigala


6 - http://www.tripadvisor.in/Attraction_Review-g665220-d1913800-Reviews-Ritigala_Forest_Monastery-Habarana_Anuradhapura_District_North_Central_Province.html


रीतिगाला की खासियत है कि आज भी जो जड़ी-बूटियां उगती हैं, वो आसपास के इलाके से बिल्कुल अलग हैं।

दूसरी जगह है हाकागाला। श्रीलंका के नुवारा एलिया शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर हाकागाला गार्डन में हनुमान के लाए पहाड़ का दूसरा बडा़ हिस्सा गिरा।

7 -http://en.wikipedia.org/wiki/Hakgala_Botanical_Garden

इस जगह की भी मिट्टी और पेड़ पौधे अपने आसपास के इलाके से बिल्कुल अलग हैं। पूरे श्रीलंका में जगह-जगह रामायण की निशानियां बिखरी पड़ी हैं। हर जगह की अपनी कहानी है, अपना प्रसंग है।“”

निष्कर्ष – पर्वत के भौगोलिक अवशेषों के यहाँ वहां बिखरे होने और उनके हिमालयी जड़ी बूटियों से समानता से ये सिद्ध होता है की ये पुर्णतः दैवीय काम है | रामायण में वर्णित मार्ग में ही टुकड़ों का गिरना सबूत है की हनुमान जी में उड़ने की छमता व अतुलित बल था | जो दुनिया भर की अलग अलग लेखकों द्वारा लिखी बातों से मेल खाती हैं और जन श्रुति चाहें वो श्रीलंका के स्थानीय लोग हों या भारत के से भी |

3 - वैज्ञानिक विश्लेषण – विभिन्न देशों के वैज्ञानिक विश्लेषण से पता चलता है की जिन हिस्सों में पर्वत के टुकड़े गिरे थे वहां की वानस्पतिक विशेषता हिमालयी वनस्पतियों से मेल खाती हैं जो की चर्चा का विषय हैं क्योंकि दुनिया भर में समुद्री टापुओं की वानस्पतिक प्रजातियाँ पर्वतीय वनस्पतियों से मेल नहीं खाती पर ये बात वहां के पर्वतीय टुकड़ों में देखने को मिलती है जो सिद्ध करती है की ये पर्वत रामायण काल के पर्वत के टुकड़े हैं जो अपनी वानस्पतिक विविधता के साथ आज भी यथावत स्थित हैं |

इसके अतिरिक्त श्रीराम की कहानी प्रथम बार महर्षि वाल्मीकि ने लिखी थी। वाल्मीकि रामायण श्रीराम के अयोध्या में सिंहासनारूढ़ होने के बाद लिखी गई। महर्षि वाल्मीकि एक महान खगोलविद् थे। उन्होंने राम के जीवन में घटित घटनाओं से संबंधित तत्कालीन ग्रह, नक्षत्र और राशियों की स्थिति का वर्णन किया है।

इन खगोलीय स्थितियों की वास्तविक तिथियां ‘प्लैनेटेरियम साफ्टवेयर’ के माध्यम से जानी जा सकती है। भारतीय राजस्व सेवा में कार्यरत पुष्कर भटनागर ने अमेरिका से ‘प्लैनेटेरियम गोल्ड’ नामक साफ्टवेयर प्राप्त किया जो नासा के द्वारा बनाया गया है , जिससे सूर्य/ चंद्रमा के ग्रहण की तिथियां तथा अन्य ग्रहों की स्थिति तथा पृथ्वी से उनकी दूरी वैज्ञानिक तथा खगोलीय पद्धति से जानी जा सकती है। इसके द्वारा उन्होंने महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित खगोलीय स्थितियों के आधार पर आधुनिक अंग्रेजी कैलेण्डर की तारीखें निकाली है।

किसी एक समय पर बारह में से छह राशियों को ही आकाश में देखा जा सकता है। वाल्मीकि रामायण में हनुमान के लंका से वापस समुद्र पार आने के समय आठ राशियों, ग्रहों तथा नक्षत्रों के दृश्य को अत्यंत रोचक ढंग से वर्णित किया गया है। ये खगोलीय स्थिति श्री भटनागर द्वारा प्लैनेटेरियम के माध्यम से प्रिन्ट किए हुए 14 सितंबर 5076 ई.पू. की सुबह 6:30 बजे से सुबह 11 बजे तक के आकाश से बिल्कुल मिलती है। इसी प्रकार अन्य अध्यायों में वाल्मीकि द्वारा वर्णित ग्रहों की स्थिति के अनुसार कई बार दूसरी घटनाओं की तिथियां भी साफ्टवेयर के माध्यम से निकाली गई जैसे श्रीराम ने अपने 14 वर्ष के वनवास की यात्रा 2 जनवरी 5076 ई.पू.को पूर्ण की और ये दिन चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी ही था। इस प्रकार जब श्रीराम अयोध्या लौटे तो वे 39 वर्ष के थे (5114-5075)।

4 - तर्क - point 1 से 3 तक सभी बातें प्रमाणिक होती हैं | पर्वत के टुकडो के मार्ग व लिखित प्रमाण तथा लोक कथाएं सभी एक ही बात कहती नजर आती हैं और वनस्पतियों का वैज्ञानिक पुष्टिकरण सत्यता और यथार्थता की मोहर लगाता है | पर्याप्त पुरातात्विक एवं भौगोलिक प्रमाण भी उपलब्ध हैं जो सभी रामायण कालीन घटनाओ की पुष्टि करते हैं अतः झुटलाने के लिए तर्क एवं कुतर्क की लेश मात्र भी गुंजाइश नहीं रहती |
अब आखिरी और मुख्य विचार हनुमान जी के द्वारा सूर्य को मुख में रखना जो की गलत विचार है उन्होंने सिर्फ प्रयास किया था और पवन वेग से सूर्य की तरफ उसे एक फल समझ कर बढे थे न की उसे खा लिया था |

जिसकी सिर्फ वैज्ञानिकता की पुष्टि नहीं हो सकती पर ऊपर के प्रमाणों से ये सुनिश्चित हो जाता है की महाबली हनुमान में उड़ने की दैवीय या वैज्ञानिक शक्तियां थी और हमने भूल वश सूर्य को ग्रसित करने का गलत मतलब निकाला जो वक़्त के साथ प्रचारित होता गया जब की इसके सैधांतिक एवं वैज्ञानिक मायने अलग रहे हों | फिर भी कहीं भी सूर्य को खाने का वर्णन नहीं मिलता |


निष्कर्ष – इतना पढने के बाद किसी भी पाठक के मन से निष्कर्ष जाना जा सकता है मुझे बताने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती |
आपकी एडमिन – प्रीत हिन्दू

Dear admin, Aap ka post padha,Usmein sabse pahle aapne Hazrat Mohammad(pbh) ke waqt mein Chand ke do tukde hone ka Swal uthaya hai.To Islam mein sachhayi ki sanad Quran aur Mohammad (pbh) ki hadeeth aur unka conduct hai. Ab aap ye to kahin se prove nahi kar sakte ki Mohammad(pbh)sahab ne kahi ye kaha ho ki maine chand ko do tukde kardiya. Ab aayiye dekhiye Holy Quran kya kahta hai iss sambandh mein…To main uska arbi ke sath English translation bhi pesh kar raha hoon….
.”In the name of Allah, the Compassionate, the Merciful.”


English Translation…[1-3] The Hour of Resurrection has drawn near and the Moon has split asunder.1 Yet whatever Sign these people may see they turn away and say, "This is current magic.”2 They have denied (this too) and followed only their own lusts.3 Ultimately, every matter has to reach an appointed end.4
    Han chamnd kshan(pal) bher ke liye Us Almighty God ki iksha bus  do tukde Zaroor huwa tha Jis ko NASA ne bhi accept kiya hai South Indian Raja ChirumN Parimal ne bhi dekha tha. Aur China ka old Text bhi iski gawahi deta hai Waise China ka naam sunkar aap ko pasina aa jaye to koi kya kar sakta hai, BBC ke news mein bhi aaya tha jisko sun kar ek English man ne Islam accept kiya tha  aur aaj bhi wo Muslim leader hain jinhone Islam quabool karke apna nam Hussein rakh liya hai. .Sabse badi baat ye hai ki agar aap aastik hain to aap ko ye manna padega ki Bhagwan jo ,,jaisa, jab ,chahe kar sakta hai agar Nastik hain to jo chahe kah sakte hai.Waise khagol vid bhi mante hai ki sitare phat te hai agar chand kisi aantrik karan se phat jaye aur phir apne aantrik chumbkiya shakti ke karan mil jaye to ye avisvasniya nahi hai Han wo kshan matra ko phta tha aise mein agar zaroori nahi ki sab log hi dekhein aur usper yaquin karein manushya ki ye Manubaigyanik pravirti hai ki wo unhoni bat kshan bhar kar dekhta hai to bhi sachhayi per viswas nahi karta q ki uski buddhi use sawikar nahi karti Rahi baat aap ke Itihaskaron ki to Bharat mein 19 cintury se pahle koi bhi world lavel ka Itihas kar paid hi nahi huwa.
 Aapagra iske baad bhi isse afwah hi samjhein to ham ko isper koi aitraz nahi kyun ki aap log to Vedon ko Sahi bhi kahte hai aur usper visvas bhi nahi karte .aawshyakta huyi to main bahut saare udaharan de sakta hoon …Jo bhi ho Chand ka do tukda hone ke bare mein Mohammad sahab ki na to koi Hadeeth aur Nahi holy quran ki koi aayat  saboot ke taur pe pesh kar sakte hain..Han Mohammad(pbh) ne apne aap ko Bhagwan ka aakhri doot zaroor aur bar bar kaha hai aur unki sachhayi ko unke jani dushman bhi swikar karke unko Saadiqu (sachcha) ki upadhi pradan kiye hai. Aap ke dharm shatra bhi ye mante hain

  1=Dekhiye Atharva Veda Kanda2
0 Shukt 1-27 se31 tak.
2=Allo Upnishad mein dekhiye.
3=Bhavishya Puran
4=Kalki Puran jismei Dr Vedprakash Upadhyay ne sabit kiya hai ki Mohammad(pbh) hi kalki avtar hain
5= Sangaram puran ke Anuvad mein Ramchritra Manas lekhak Sawami Tulsi Das likhte hain Bina Mohammad paar na hoya!! Skand12 Kanda 6
Isi tarah  Yahoodiyon ki kitab Taurah aur chritian religious scripture Bible mei bhi unko Bhagwan ka aakhri doot kaha gaya hai…
       Aage aapne Hanuman ji ke bare mein bhaugolik ,aitihasik aur jo kia tabi tark diye hai hai unko bhi Short mein dekhte hai
Aap is sanar mein bahut jagah dekhein ge ki kuchh hi doori per bhoomi badal jati hai jis se wahan ki banaspatiyan  bhi badal jati hai ye kisi bhi tarah ashchary janak baat nahi haihamare Hindu Dharm aur guru aur vaidya to samtal maidano mein base hamare gaon mein hi sanjivni booti dhoondh lete hai wiase pahadon per ugne wali banaspatiyan aawshyak roop se samtal bhoomi per ugne wali banaspatiyon se bhinna hogi  Waise Ramayana, Hanuman. Rama setu per hamis aadhar per bahas kar rahe hai ki Shayed Rama  ka astitwa tha kintu Rma ka astitwa Aitihasik taur se koi bhi sabit nahi kar saka aap ne jo bhi link pesh kiye hain us mein har jagah yahi likha hai “ki visvas kiya jata hai’ ya “kahte hain”  . Aap jise Rama Setu kahrahe hain uska World wide Nam Adam’s Bridge hai iske pechhe koi sachchayi hai ya nahi? Mujhko is se kuchh nahi lena .Han jab Palk Strait mein Nahar banane ki baat chali  aur ASI ne survey kiya tha to uske officeron ne yahi report di thi ki jise Setu ka naam diya jaraha hai wo samaudra ka talchat ya gaad ki prikriya ke siva kuchh bhi nahi hai, Nahi wahan kabhi koi pul (Setu) bana tha. Nasa ki ye report bhi prastut hai……. NASA ke anusar Shrilanka mein 1750,000 baras pahle manushyon ne rahna shuru kiya aur samudra ka jo uthla bhag hai jisko Rama Setu sabit karne ki zabardasti koshish ki jarahi hai ye bhi 17580,000 baras purana hai jabki Rama ki paiadayish ki atkal uske 50000baras bad ki lagayi jarahi hai
 I= Kuchh logon ke anusar Rama ka janm valmiki ramayna ke aadhar per 18558084 bars pahle hui
2=S V Roy ke AnusarRama 2000 bc paida huye.

Ab NASA ki doosri report prastut hai…


‘’US space agency NASA says pictures taken by its astronauts do not prove the existence or otherwise of a manmade Ram Setu bridge as mentioned in the Hindu epic Ramayana. "I am not aware of any carbon dating either," said NASA spokesman Michael Braukus,’
 Ab Pushkar Bhatnagar ki calculation aur unke anticipation ya reality per aate hain.Unka kahana hai ki Rama aaj se 7076 barash pahle paida huye jabki Dharamshastra batate hai Rama Treta yug ke middle mein paida huye Treta yug ki awadhi dhamshastron ke anusar 1296000 bars thi +Dawaper 864000 +Kalyug jo jutish vidya ke anusar2012 ke aakir mein samapt hogaya tha +uski awadhi432000 baras,thi jinka total 2592000 hota hai agar usmein se ham Treta ka aadha se zeyada 800000 baras ghata dein to bhi is niskarsh pe aate hain ki Rama aaj se kam sekam 1692000 baras pahle paida huye they. Is tarah ham is niskarsh per pahunchte hain ki ya to
 1=Shree Pushkar Bhatnagar Ghalat hai
2= ya dharam Shastra  aur Rishi  ,Muni ghalat hain.
3= ya Dono ke Rama alag alag hain.
     Arthat
Do paksh ek doosre ke Rama ke astitwa ko hi nahi mante kintu Rama setu ko mante hain jisko NASA ki report kisi bhi tarah saboot manne se inkar karti hai.ASI bhi usper kaan nahi dharti.
  Kul milakar Rama isliye hain ki Ramayana hai . ab ham Ramayna ko dekhte hai ki wo kitna yatharth aur kitna Epic hai…
1- Hindu religious scholar Ramanuja ke anusar 350 se zyada parakar ke ramayan hain jismein 20sanskriti mein hai aur unmein kahi bhi Rama ko Visnu ka avtar nahi kaha gaya hai arthat wo Vishnu ke avatar nahi they
2-Sanskirt bhasha ka pitamah Rishi Panni ne kahi bhi Rama ka nam apne pustakon mein nahi diya hai
3- Rama Ayodhya nahi Baliya mein Paida huye (saptahik Hindustan 4 oct 92)
4- Rama vastav mein Egypt ke Ra’mees ya Firoon they( M venkat Rtanam
5-Rama ko kisi  bhi Upnishad mein Vishnu ka avtar nahi kaha gaya hai.
6 Jainiyon ki Ramayana Padm Chari mein Rama ki8000,Lakshaman ki13000,Ravna ki 6000 patniyan jabki Uttra puran ke anusar Rama ki8000 aur Lakshuman ki 16000 patniyan thien.aur……………… Lakshman ne hi Rama ko mara tha.(writer vimal shoorie)
5-Maleshia ki  do ramayan hain dono ki kahani mein muslim logoka zikar hai
6-kashmiri Ramayan mein Sita ki paidayish Mandodri ke hamal se huyi
7Khetani Rmayana mein hai ki Jangal mein Rama aur Lakshman dono ne Sita se Shadi ki.
7- Dashrath jatak mein Sita Rama ki bahan hoti hai jis se wo Shadi kar lete hain.

    Is prakar  Har ek Ramayana Doosre Ramayan se bhinna hai aur sab mein contradiction hai.
Aur vishesh Prant ,desh, Samudaye ke log apne vishesh Ramayana ko hi sahi aur utam mante hain.
      kintu
Ek baat sab mein hai ki kisi ke pass bhi iski sachchayi ke naam per koi saboot nahi hai.
   Ab main Main Valmiki Ramayana ke Kishkindha kand Sarga 39 ko refer kar raha hoon.
        Uske anusar
Rama ki sena ke neche likhey Sena patiyon ke pas sena ka vivran hai
1-Shat bali. Ten Thousand crores vanras               10000,0000000
2-Shusena- many thousandcrores vanras(wesuppose)   2000,0000000
3-Tara-     Thousand crores vanaras                         1000,0000000
4-Gavaska  Thousand crores vanras                          1000,0000000
5-Dhumra-  Two Thosand crores Vanras                   2000,0000000
6-Panasa    Only  three crores vanras                                      30000000
7-Niila       Only ten crores                                                     100000000
8-Gavaya    Only five crores                                                  50000000
9-Drimukha- Thousand crores                                             1000,0000000
10-Mainda  One thosand crore                                            1000,0000000
11-Devivinda- One thusand crore                                        1000,0000000
12-Gaja      Only 3 Crores Hathi                                                30000000
13-Jambvanta- Only ten crores  Bears                                       100000000
14 Rumana-  Hundred crores vanaras                         100,0000000
15- Gandh Madana- Ten thousand crores                    10000,0000000
                               +                                                        
                  Hundred Thousand crores                                  1000000000000
                     +
16- Angad – A Thousand padam legion mean= according to Him Padam = 10 to the power of 32   (mean)                          100,000,0000000000000000000000000000000

                      +
              Hundred Shanku legion of Vanras , according to him A Shankhu is= 10 to the power of 12
Mean                                                          10000000000000
     Shri lanka ka total area hai =65610squire Kilomiter
Agar ham ise mili miter mein change karein to hoga=65610,000000 mm squire
 Ham aur aage badhkar point mein jayein jo ek baal (human Hair)ki motayi hogi to area hoga
                                                     65610.0000000 points squire
   Is trah aap aap dekh sakte hain ki sirf Senapati Angad ke senake hazaron Vanaron korahne ke liye 0.5 mm se bhi kam rahne ki jagah milti hai .kya ye mumkin hai….
 Koi bhi jo thodi bhi buddhi rakhta hai isko jhoot hi nahi param jhoot ya aisa jhoot jiske aage jhoot bhi panah mangta hai samjhe ga. Hanise ham Epic ke siwa aur kuchh naam nahi de sakte wo bhi Fabulous aur mythological epic aur ek epic ki nazar se dekhein to ham Valmiki ji ki Sarahna kar sakte hain
Setu Samudram ki lambayi bhi sirf 48 KM ya 30 meal hi hai

Ramcharitra Manus mein Lanka Kand mein Sawami Tulsi Das ji likhte hain “Ram jab Samudra ke raste Lanka jaane lage to sabhi jalchar unki Darshan ke liye umad pade jin mein Bahut saare aise bhi the jinki lambayi 100 Jojan thi.(shat jojan tan param vishala) Aap ise kya kaheinge ……Ek Jojan 8 meal ke baraber hota hai
Abhi tak sansar mein aisa koi prani nahi dekha jasaka jiski lambayi 1 meal bhi ho jabki 800 meal ki bat kahi jarahi hai .aur Setu Samudram ki lambayi bhi sirf 48 KM ya 30 meal hi hai
Ye baat dheyan mein rakhni chahiye ki United State  Census Bureau ke ansar2013
tak world ka total population7112500000 hi hai aur Shri Lanka ka
population20277597 hai
 kya itni sena Hoasakti hai????
 Kya Shrilankan Area mein itni Sena rah sakti hai. Surely nahi. Istarah Ham Kisi bhi Ramayna ko Epic hi kah sakte hai     ….. Main jaanta hoon aap log  Jhoot ko saharsh sawikar karleingen kintu satya ko sawikar nahi karein ge ye hamari riti aur Sanskar raha hai .

Lord Rama ke bare mein Hindu Intellectuals ke Vichar.
1.-My Rama is not a rama of Ramayna …M K Gandhi
2-The Ramayna &Mahabharata are nothing but another Arbian Night….Pt.Jawahar Lal Nehru
3-Rama is not a God but hero….Raj Gopala Charya (First Governer General of India)
4- Ramayna is not a divine story .It is only a literature.   T K Chidambernath Mudaliyar
5-There is no historical base of Rama.        Arvindu
6-It is truth that Rama is not a historical personality but mythological and symbole of Values.  Sahityakar Vishnu Prabhakar (Rashtriya Sahara 13 des1992
7- Ramayna is a fiction.    Dr,Suniti Kumar Chaterji
8- If Ayodhya is birth place of Rama then His time is equivalent to Krishna .While Rama was in Treta and Krishna was in Dawaper………Professor Lal ( a reputed Historian)
9-Hindu means"one who believe in any and every thing if said in the name of God and shall never question  as authenticity   ,,,,...DR. Kamal Chaterjee 
 **********************************************************************************
Aakhri Baat
       Dear Admin aakhir mein mujhe ye kahna hai  ki agar kambal chota ho to usko taan  ne se badhta nahi phat jaata hai Bandar ki poonchh ya sanp ko rassi sabit karne se wo rassi nahi hojaye ga Christian mein P N Oak ke jisa Krishn-Niti nahi mil jaye gi isko wahi log mane ge jo aap jaise honge ya ye nirnaiy kar liye honge ki ham to jhoot ko hi maanege Sachcha hindu sudh budh rakhne wala kabhi na to aap jaise logon ka tark maana hai na manega. What  a wonder  !!! You want to prove a lot of mythology  as  a reality....
  
    Thanks
-



Monday, September 9, 2013

उत्तरप्रदेश मुजफ्फरनगर दंगे के पिछे की सच्चाई ..


    
Shivshree Bhaiya Patil
    
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उत्तरप्रदेश मुजफ्फरनगर दंगे के पिछे की सच्चाई .....

१० दिन पहीले फेसबुक पर बजरंग दल के कार्यकर्ता एक विडीओ को लोगो दिखा रहे थे ...मैंने भी उस विडीओ को देखा बहोत बेरहमी से मुस्लिम लोग दो युवको की पिटाई कर रहे थे ...धर्मांध मुस्लिम लोगो का घिनोना स्वरुप उस क्लिप में था ...बजरंग दल के कार्यकर्ता उस क्लिप को उत्तरप्रदेश में घटी घटना कह रहे थे . पर मैंने उस क्लिप के बारे मै अरविन्द केजरीवाल की कार्यक...र्ता अनन्या सिंह यादव इनसे सच्चाई जानी वह क्लिप पाकिस्थान की है ऐसा उन्होंने कहा था .और उन्होंने सबुत भी पेश किये ...मैंने उस क्लिप के बारे में अधिक जानकारी ली तो वह क्लिप जिसे सचिन एंव सौरभ बेहरहमी से हत्या के नाम से लोगो में फैलाई जा रही थी वह क्लिप सिअलकोट पाकिस्थान में घटी घटना की थी .. अल्लाह/ईश की निंदा की इस लिए विकृत धर्मांध मुस्लिम के जमाव ने २ मासूम बच्चो को बेहरहमी से पिट पिट कर हत्या कर डाली थी ..उसके बाद उस हत्याकांड की क्लिप 2010 में युटुब एंव अन्य वेबसाईट पर आयी थी ...उस क्लिप के आने के बाद पाकिस्थान के सामान्य मुस्लिम लोगो में चरमपंथिय धर्मांध लोगो के खिलाफ बहोत बड़ा मोर्चा निकाला ...Justice for the 2 publicly murdered teenage brothers in Sialkot, Pakistan इस नाम से फेसबुक पर भी पेज निकाल कर उन मासूम बच्चो के न्याय के लिए लढाई लढी जा रही है ..
अब यह क्लिप भारत में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के लोगो ने फैलाई ..कहा देखो देखो कवाल मुजफ्फरनगर में हिन्दू जाट भाई सचिन और सौरभ की मुस्लिम कितनी बेहरहमी से हत्या कर रहे है उस पाकिस्थान के क्लिप को 4500 से अधिक लोगो ने शेयर किया ...मुजफ्फरनगर के हर एक गाव में उस क्लिप को पोहचाया गया ...मुजफ्फरनगर और आसपास के जिल्हो में दंगे शुरू हो गए ..हिन्दू विरुद्ध मुस्लिम की लढाई शुरू हो गयी है ...धर्मांध दोनों शक्ति आम आदमी को एक दुसरे के खिलाफ भड़काने में कामयाब हुए है ...शाहनवाज और सचिन सौरभ के व्यक्तिगत झगड़े को मोदी समर्थक बजरंग दल हिन्दुत्ववादी शक्तियों ने सांप्रदायिक झगड़ो में बदल दिया ...
सचिन और शहनवाज का झगडा हुवा शहनवाज ने सचिन को मार कर भगाया फिर सचिन ने उसके मामा सौरभ को लेकर आकर शहनवाज की पिटाई की उसमे शहनवाज की मौत हो गयी ...घटनास्थल के नजदीक के मुस्लिम दुकानदारो ने इस वारदात को देखा और कुछ मस्लिम युवको ने सचिन और सौरभ की भी वही चाकू भोक कर हत्या की .....
दुसरे दिन पाकिस्तानी क्लिप को पुरे जिल्हे में फैलाया गया ...सचिन सौरभ हत्याकांड को मुस्लिम विरोध में भड़काया ...इधर हिन्दुत्ववादी हिन्दू को भड़का रहे थे तो उधर इस्लामवादी मुस्लिम लोगो को भड़का रहे थे ..
सभी हिन्दू जाती को एकत्र कर के परसों महापंचायत का आयोजन किया गया इस दौरान मुस्लिम युवको ने महापंचायत को जा रहे है लोगो के ऊपर हमला किया था उस हमले में घायल लोग महापंचायत में आये तो महापंचायत के लाखो लोगो का घुस्सा और भी भड़क उठा फिर मुस्लिम विरुद्ध लढाई हर एक गाव में शुरू हुयी है ..इस्लाम का वास्ता दे कर मौलवी यों ने भी मुस्लिम समाज को हिन्दू विरुद्ध जिहाद करने का ऐलान किया है .........एक धर्म के लोग दुसरे धर्म के खिलाफ लढ़ रहे है कही जाने जा चुकी है .
अभी भी दंगा फसाद शांत नहीं हुवा है ...
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यूपी और बिहार हमारी प्रयोगशाला है ऐसा कहा था अब वह प्रयोग मुजफ्फरनगर यूपी में शुरू हुवा है और वह प्रयोग हिन्दू मुस्लिम लोगो ने कामयाब बना दिया है ..
मैंने अपनी दोस्त अरविन्द केजरीवाल की कार्यकर्ता अनन्या सिंह को आज message किया और कहा उस पाकिस्तानी क्लिप से दंगा भड़क गया है उसने कहा भैया पाटिल हमारा देश कभी भी नहीं सुधर पायेगा वह लोग दंगा फ़ैलाने में कामयाब हुए ...मैंने उसकी तसल्ली के लिए कहा नहीं हम युवा लोग इसको को बदलेंगे ....
पता नहीं कब तक धर्मांध हिन्दू मुस्लिम दंगे करते रहेंगे ???

-भैया पाटील/ Bhaiya Patil
Freelance Journalist
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Shivshree Bhaiya Patil
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  • 143 people like this.
  • Umrao Singh Jatav .
    ".... अरविन्द केजरीवाल की कार्यकर्ता अनन्या सिंह " शायद किसी हाई कोर्ट की जज हैं तभी आपने कराहते हुए उनके सामने गुहार लगाईं. अच्छा तरीका है प्रचार का .
  • Sandeep Anandrao Tembhurne Samaj me jagruti badhana bahut jaruri hai.
  • Shivshree Bhaiya Patil Umrao singh sir usne us video ki reality post ki thi .... and i am not supporter of kejariwal .....uska shrey hai use de raha hu ....i am follower of fule shahu ambedkar...not need to explain more....
  • Aakif Dafedar Jai jijau.hum bahujano koi mansik gulmgiri kodeshdrohi brahmanwadi achhi tarah samjhte hen
    Isiiye hinduon par musalmano ka attyachar ke jhute clip dikhakar dsnga karate hen marnawale aur maarnewale dono hamare bahujan bhai hote he.hum bahujano ki chita
    ...See More
  • Nilesh Bhavar Patil pan mujaraffarnagar madhe 2 youak kharokharach marlele ahe
  • Babloo Sheikh horrible ahe sagle.aple lok kadhi sudharnar? god knows
  • Sandesh Nangare Shivshree Bhaiya Patil ji
    Dont stop if we think this things proper go it.
  • Ajay Paithankar मिडिया और गैरभाजपाई दलो ने भाजपा को दंगा कराने का जिम्मेवार घोषित कर रहा है, मै मिडिया के इस बात का समर्थन करता हुं.
    क्योकि.
    1- जिन सुअर के औलादो ने हिंदू बहन के साथ छेङखानी की उन्हे छेङखानी की ट्रेनिंग भाजपा ने दी थी.
    2- जिन सुअर के औलादो ने अपने बहन
    ...See More
  • Ajin Nikam Shivshree Bhaiya Patil केजरीवाल हा संघाचा कट्टर कार्यकर्ता आहे, त्यांच्याकडून किंवा त्यांच्या पार्टीकडून काही अपेक्षा करू नये. लोक भाजपा आणि कॉंग्रेसला वोट देणार नाहीत पण लोकांसमोर तिसरा पर्याय हा बसपा किंवा दुसरा कुणी नको म्हणून त्यांनी केजरीवाल नावाचा पर्याय उभा केला आहे.
  • Atesh Kamble sabke sab harm khor hai garibonka koi vali nahi hai ye aisi baate karnese kya fayda hone wala hai ......jab ki bharat desh yah krushi pradhan desh hai lekin kisi hramkhor ne iaske liye kabhi koi kaam nahi kiya or aisi jab election najdik aya hai to ye janata ki dishabhul karneke liye ye drama kar rahe
  • Bahujan Sukhay Very sad thing.. Desh ke asali gaddar bajarang dal, sangh ko personal fights ko sampradayikata me badal diya.
  • Ravi Singh sarasar jhhoth hai ye khabar India ki hi hai, News papers me bhi aayi hai, 12 din ke purane post check kar lo, bhaiu mil jayegi mere hi posts me..
  • Shiv Bhardwaj शिव जी क्यों लोगों को अश्लीयत से दूर करने की कोशिश कर रहे हो.ये बिडियो हिन्दुस्तान का ही है और उन्हीं शान्ति प्रिय लोगों ने बनाई है जो आपके भाई हैं इसके सारे सबूत और गवाह भी हैं जब किसी बात का पूरा पता ना हो तो इस तरह नहीं भोंका करते समझे
  • Rajesh Chavan muslim lokanchi baju ka mhanun gyachi. muslim vadi paksh vapar karun sodun detat. ...... samjdar ko isara kafi.
  • Darsh Ukey @Shiv Bharadwaj video pakistan ka ho ya india ka...us basis pe dange krna kaha ki samzdari hai.
    If someone is trying to spread a peace message, let him do it.
    Aap jis tarah ki language use kr rahe hai usase lagta hai ki aap algaav badhane ki koshish kr
    ...See More
  • Amardeep Ahalavat Shivshree Bhaiya Patil sir we all knw abut the clip that clip is frm sialkot pakistan but wht abut kawal...wah aisa kuch ne hua kya....hua hai or bahut bura hua h.....phir to ye saare news jo local news paper mai aye h wo b jhoote h...ELECTRONIC MEDIA nai ye news daangoo ke baad flash kare h usse pehle jo hua w0 hum LOCALIETS pocho....
  • Umrao Singh Jatav @Ajay Paithankar - "लोकसभा चुनाव मे भी समाजवादी पार्टी को वोट देकर भाजपा को कङा सबक सीखाये
    डा. भूपेन्द्र"
    क्या आप समझते हैं कि तब तक वाकई सपा माफिया का नाम लेवा कोई बचेगा ? माफिया का अंत उसके ताकतवर होने के बावजूद एक दिन होता ही है. उत्तरप्रदेश की जनता ने अब तय कर लिया है कि इस माफिया कुनबा का उसके माफिया के साथ अंत करना ही होगा
  • Amardeep Ahalavat i am posting the cutting of local news paper DAINIK JAGRAN dated 28-8-2013 Shivshree Bhaiya Patil sir pls clarify the news.
  • Chandra Veer Suryavanshi Jammu me musalmano ne koin se hinduo ko kata.ye musalman bahujan ke bhi nahi hai.bijnor dange me jatav bhaiyo ko kat dala tha.
  • Soumya Pandya khujliwal ke chamche hme na sikhao aap hi raho secular
  • Gopal Tripathi So....Fakt Hindu ni hinduch ya sathi jababdar ahet manya.....matra tithe koni marle gele nahit ka????? Ani BJP secular ahe mhanun Khangress kivva iter sarkar je karil te yogya samjayche Kay?????
  • Jit Takhar Bullshit. Same on u Patil.
  • Rajdeep Kumar Sab ke sab ek hi school me padhe hain congrees ho ya bhp they all r same do not vote for them actually don"t vote.
  • Raj Sangwan Shiv patil ...arvind kejriwala kabhi kuch nahi ban sakta kyunki uske palle kuch nahi hai..all around the world muslims create trouble... u r a dalal of arvind...stop doing this bullshit...!!
  • Ganesh Mali Sachin sourabhchi clip kuthay