Tuesday, October 1, 2013

Itihas ke Darpan Se...+अमर उजाला में एक कमेंट का जवाब +ब्राह्मणों की DNA जाँच की रिपोर्ट + चप्पल पर गणेश +खबर की खबर में छपे पोस्ट

Madhu Manjari Mishra's status.
........ Itihas ke Darpan Se...........Lauh Purush....
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Savabhimani Maharaja Jaipal Aur uska Savabhimani Putra Aanand Pal
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Yudh mein kisi pach ki har to kisi ki jeet hoti hai jo kafi had tak uske bhagya per bhi nirbhar karta hai ..kintu shuveyohar aur svabhiman haare huye Raja ko bhi Amratva pradan kar jati hai.......
MahaRaja Jai Pal ko 987 A.D mein Mahmood Ghaznavi ke pita Subuktgeen ne Peshawer ke yuddh mein haraya aur apne sharton per Sandhi ki. Maharaja apni haar ko kabhi bhula nahi paya aur pratishodh ki aag mein jalta raha Sena mein badhotri ki aur ek baar phir usi Peshawer ke ran bhoomi me Subuktgeen ke bete Mahmood Ghaznvi se pratishodh lene nikal pada .Durbhagya bas use phir haar huyi aur Mahmood ki sharton per 28 November 1002 A.D ko sandhi ke liye vivas hona pada Kintu uski udasi darshniya thi , apne Rajdhani pahuchne per ek chita sajwaya aur jalte huye chita mein zinda kood gaya ki uske svabhiman ko ye gawara natha ki do baar ki haar ke baad bhi wo Zinda rahe...............Ham Maharaja Jaipal ke Svabhiman ko aadar ke sath salam karte hain.....
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Us ke baad us ka putra Maharaja Aanand Pal singhasan per baitha.Use apne savabhimani pita ki mirtu hamesha yaad aati aur udas karjati pratishodh ki iksha veyakul rakhti ,Usne Sabhi Hindu janta se lekar Rajaon ko ek jut kiya aur Mahmood Ghaznavi ke Chhatthe Aakarman ko rokne aur apna pratishodh lene keliye 1008 A.D.mein aage badha Maharaja Jai Pal yudhh jeet raha tha ki Durbhagya bas uske hathi ki baukhalahat ne yudh ka palda Mahmood Ghaznavi ke haqu mein kar diya Aur Maharaja Jai Pal jeeta huwa yuddh har gaya.phalsawaroop use Gujrat mein chupna pada.
Aur jab Mahmood ghaznavi central Ashia ke vidroh mein uljha huwa tha tab Maharaja Jai Pal ne use ek khat bheja jo kuchh yun tha .
" Mahabali !! agar aap ko vidrohiyun ke vinash mein kathinayi ho to aagyan karein main aaon kyun ki meri anteratma ko ye gawara nahi ki Jis se main prast huwa hoon usko koyi doosra prast karde ,Rahi baat aap aur hamare beech ki to aap jab udhar se skushal lautein to ek baar phir aame samne Ranbhoomi mein ham apne bhagya ka faisila kar lein ge.........Maharaja Jai Pal.....

Ham aur vishva ka Itihas uss Lauh Purush Maharaja Aanad Pal ko samman ke sath salam karte hain..........

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अमर उजाला में एक कमेंट का जवाब -
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Mr True KNowledge !! झूट मूट का इल्ज़ाम लगाकर ,अफ़वाह फ़ैला कर वातावरण को दूषित और दंगाग्रस्त बना कर हिन्दू जनमानस का ध्रुविकरन ही तुम लोगों का काम है ! तुम सूर्य का नमस्कार या पूजा करो ना हम मुस्लिम क्यों रोकने जायें गें ? जब मुस्लिमों का शासन था तब तो रोके ही नही अब क्युं रोके गें ये हमारा धर्म इस्लाम नही सिखाता ! तुम्हारे ३३ करोड देवता है उसके पर्यन्त अनेक जन्तु हैं ,पहाड है वस्तुयें है जिनको तुम पूजते हो सब कोइ तुम्हारा पूज्य है ! जब कि इसकी भी गारंटी है कि तुम ३३ करोड देवताओं मे से १०० का नाम भी नही जानते होगे ! इन पूजय वस्तु नदी पहाड जीवधारी ,सूरज ग्रह , के बाद भी नये भगवान अवतरित होते हैं जैसे आशाराम बापू जिनके अनुयायी उनको भगवान मानते हैं साइं बाबा को भी उनके समर्थक भगवान मानते हैं ! तुम पूजो ! किसी का अधिकार नही है कि तुमको रोके, किन्तु मुस्लिमों को इस बात का अधिकार है कि वह अपने मात्र अल्लाह को छोड कर किसी की भी पूजा न करें ! ये तुम्हारा अधिकार भी नही है कि बहुसंख्यक होने के कारण जिस्को चाहो जिसकी चाहो, उन से उनकी पूजा कराओं ! ये बातें भूल जावो ! तुम ये तर्क अपने भाइयों को दो कि सूरज सी ये लाभ है वो लाभ है तुमको इतना भी नही पता कि .इस संसार में हर वस्तु मानव के लाभ के लिये ही बनायी गयी है ! हमे ज़हेरीले सर्पों से भी लाभ मिल्ता है ! चूंटियों और उन किटाणुओं से भी लाभ मिलता है जिनके प्रकार ही अरबों में होंगे ! मैं सनातन धर्म की बात नही करता किन्तु तुम्हारा 
नवनिर्मित धर्म हिन्दुत्व का आधार ही है मूलनिवासियों से शत्रुता ,मुस्लिम दुशमनी अलपसंख्यक और दलित उत्पीडन, अब सामूहिक सुर्य नमस्कार तुम्हारा धर्म होगया , कभी चौकोसी परिक्रमा धर्म बन जाता है कि इस बहाने मुस्लिमों को भयभीत किया जासके ! तो ये सब चलने वाला नही ! और न ही हम मुसलमान अल्लाह को छोड कर किसी की पूजा अरचना करेंगे या उसके आगे नतमस्तक हों गें ! हर बात में पाकिस्तान का उलाहना क्या अर्थ रखता है जावो पाकिस्तान को मिटा दो कौन रोकता है अरबों को निस्त नाबूद कर दो ! चीन को सबक सिखादो ! किन्तु हमारे देश भारत को मनुस्मिर्ति लाने के दीवा स्वप्न से तबाही के दहाने पर मत लाओं ,लेकिन मुझे पता है तुम लोग मानो गे नही इस बात को बल्लभ भाइ पटेल ने भी सवीकार किया था उनका पत्र चाहिये तो पढ लो जो गोलवलकर के नाम लिखा था तुम चड्डी धारियों की बात जो इस कान से सुन कर उस कान से उडा देता है वह पाकिस्तानी एजेंट हो जाता है जिसका ताजा उदाहरण अरविंद केजरीवाल है जिसे पाकिस्तानी और चीनी एजेंट तुम लोगों ने ही कहा था आज वही केजरीवाल तुम लोगों की नाक रगड कर ७० में ६७ सीट की ऐतिहासिक जीत से दिल्ली पर शासन कर रहा है ! और उस के साथ तुम चड्डी धारियों को छोड कर हमारे अच्छे हिन्दु भाइ उसके साथ है जिन की योग्यता को समझना भी तुम्हारे बस की बात नही ! क्युं कि तुम्हारे ग्यान में ये पत्थर की लकीर है कि संजीवनी बुटी नेपाल से लायी गयी थी , सिकन्दर बिहार गया था , 
श्याम प्रसाद मुखर्जी गुजरात में जनम लिये थे और लंदन में मरे थे ! भगत सिंह को काला पानी की सजा हुयी थी !
हमारी बात क्या करते हो हम मुस्लिमों ने तो इराक में अपना भारतिय झंडा फहराया और खाडी के मुल्कों में भी फ़हराते आये हैं तुम मुसर्रत आलम की बात क्या कर रहे हो ? उसको कहां से छोडने की बात निकली ? याद करो वहां ! से जहां की सरकार में तुम लोगों की भागी दारी है इसपर भी शर्म तुम लोगों को नही आती ! बंग्लादेश को १७००० एकड ज़मीन देकर ७००० एकड ज़मीन बदले में क्यों लिया गया ? भारत का ६५ % नागरिक इस सम्झौते से दुखी है भारत का मानचित्र ही बदल गया और केवल यहीं नही चीन में भी यही हुआ ! मंहगाइ आसमान छू रही है भारतिय रुपये का मुल्य घटते जारहा है ! भू अधिग्रहण की जलदी है किसान आत्महात्या कर रहें है ! कश्मीर में सिखों को तंग किया जारहा है ! दलित ट्रेकटर से कुचले जार रहे हैं आदिवासि तबाह हो रहे हैं ! मुस्लिमों को उत्पीडित कर गांव छोडने पर बाध्य किया जारहा है ! गिरजा जलाये जारहे हैं ! अंबेडकर की प्रतिमा को अपमानित किया जार है ! गरीबों की ज़िंदगी मुश्किल है ,पूंजी पतियों की दौलत मे चौगूनी बिरिद्धि हो रही है, सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह फ़ेल है ! ये नही दिखता ? दिखता है ! इसी लियी ऐसे ऐसे कार्य क्रम बनाये जा रहें है कि जनता का ध्यान उधर सरकर की विफ़लताओं पर न जाये ! तुम सुर्य नमस्कार करो या किसी की भी पूजा करो ! मगर सुन लो हम मुस्लिम अपने अल्लाह के सिवा किसी भी की पूजा न तो करते थे न करते हैं ना ही करेंगें !
और ये सत्य भी सुन लो ! कि क्रिशच्यन, सिख , यहूदी और बौद्ध धर्म का सच्चा अनुयायी भी इस सुर्य के नमस्कार को स्वीकार नही करेगा यहां तक कि स्वामी दयानंद सरस्वती की लिखित आर्य समाज की बाइबिल कही जाने वाली पुस्तक ’ सत्यार्थ प्रकाश ’के अनुसार एक सच्चा आर्य समाजी भी सुर्य के सामने नतमस्तक नही होगा या नमस्कार नही करेगा ! ये और बात है कि RSS की राजनीतिक शाखा BJP की सरकार में तुम लोग अपने धर्म और माइथोलोजी को दूसरे धर्म के अनुयायियों को मानने पर मजबूर करने की असफ़ल कोशिश कर रहे हो !


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ब्राह्मणों की DNA जाँच की रिपोर्ट
विदेशी साबित होने 
का साबुत अब भी ऐसी की तैस्सी कराओ तो कराओ।
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21 मई, 2001 को अख़बार “TIMES OINDIA” में भारत के लोगों के DNA से सम्बंधित शोध रिपोर्ट छपी लेकिन मातृभाषा या हिंदी अखबारों में यह
बात क्यों नहीं छापी गयी? क्योकि इंग्लिश अखबार ज्यादातर विदेशी लोग यानी ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य लोग ही पढ़ते है मूलनिवासी लोग नहीं। विदेशी यूरेशियन जानकारी के बारे में अतिसंवेदनशील लोग है और अपने लोगो को बाख़बर करना चाहते थे, ये इसके पीछे मकसद था। मूलनिवासी लोगो को यूरेशियन सच से
अनजान बनाये रखना चाहते है। THE HIDE AND THE HIGHLIGHT TWO POINT PROGRAM. सुचना शक्ति का स्तोत्र होता है।
यूरोपियन लोगो को हजारों सालों से भारत के लोगो, परम्पराओं और प्रथाओं में बहुत ज्यादा दिलचस्पी है। क्योकि यहाँ जिस प्रकार की धर्मव्यवस्था, वर्णव्यवस्था,
जातिव्यवस्था, अस्पृश्यता, रीति- रिवाज, पाखंड और आडम्बर पर आधारित धर्म परम्पराए है, उनका मिलन दुनिया के किसी भी दूसरे देश से नहीं होता। इसी कारण यूरोपियन लोग भारत के लोगों के बारे ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए भारत के लोगों और धर्म आदि पर शोध करते रहते है। यही कुछ कारण है जिसके
कारण विदेशियों के मन में भारत को लेकर बहुत जिज्ञासा है। इन सभी “व्यवस्थाओं के पीछे मूल कारण क्या है” इसी बात पर विदेशों में बड़े पैमाने पर शोध हो रहे है। मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी विदेशी भारत में स्थापित ब्राह्मणवाद को उजागर करने में लगे हुए है। आज कल बहुत से भारतीय छात्र भी इन सभी व्यवस्थों पर बहुत सी विदेशी संस्थाओं और विद्यालयों में शोध कर रहे है। अमेरिका के उताह विश्वविद्यालय वाशिंगटन में माइकल बामशाद नाम के आदमी ने जो BIOTECHNOLOGY DEPARTMENT का HOD ने भारत के लोगों के DNA परीक्षण का प्रोजेक्ट तैयार किया था। बामशाद ने प्रोजेक्ट तो शुरू कर दिया, लेकिन उसे लगा भारत के लोग इस प्रोजेक्ट के निष्कर्ष (RESULT REPORT) को स्वीकार नहीं करेंगे या उसके शोध को मान्यता नहीं देंगे। इसलिए माईकल ने एक रास्ता निकला। माईकल ने भारत के वैज्ञानिकों को भी अपने शोध में शामिल कर लिया ताकि DNA परिक्षण पर जो शोध हो रहा है वो पूर्णत पारदर्शी और प्रमाणित हो और भारत के लोग इस शोध के परिणाम को स्वीकार भी कर ले। इसलिए मद्रास, विशाखापटनम में स्थित BIOLOGUCAL DEPARTMENT, भारत सरकार मानववंश शास्त्र –
ENTHROPOLOGY के लोगों को भी माइकल ने इस शोध परिक्षण में शामिल कर लिया। यह एक सांझा शोध परीक्षण था जो यूरोपियन और भारत के वैज्ञानिको ने मिल कर करना था। उन भारतीय और यूरोपियन वैज्ञानिकों ने मिलकर शोध किया। ब्राह्मणों, राजपूतों और वैश्यों के डीएनए का नमूना लेकर सारी दुनिया के आदमियों के डीएनए के सिद्धांत के आधार पर, सभी जाति और धर्म के लोगों के डीएनए के साथ परिक्षण किया गया। यूरेशिया प्रांत में मोरूवा समूह है, रूस के पास काला सागर नमक क्षेत्र के पास, अस्किमोझी भागौलिक क्षेत्र में, मोरू नाम की जाति के लोगों का DNA भारत में रहने वाले ब्राह्मणों, राजपूतों और
वैश्यों से मिला। इस शोध से ये प्रमाणित हो गया कि ब्राह्मण, राजपूत और वैश्य भारत के मूलनिवासी नहीं है। महिलाओं में पाए जाने वाले MITICONDRIYAL DNA
(जो हजारों सालों में सिर्फ महिलाओं से महिलाओं में ट्रान्सफर होता है) पर हुए परीक्षण के आधार पर यह भी साबित हुआ कि भारतीय महिलाओं का DNA
किसी भी विदेशी महिलाओं की जाति से मेल नहीं खाता। भारत के सभी महिलाओं एस सी, एस टी, ओबीसी, ब्राह्मणों की औरतों, राजपूतों की महिलाओं और
वैश्यों की औरतों का DNA एक है और 100% आपस में मिलता है। वैदिक धर्मशास्त्रों में भी कहा गया है कि औरतों की कोई जाति या धर्म नहीं होता। यह बात भी इस शोध से सामने आ गई कि जब सभी महिलाओं का DNA एक है तो इसी आधार पर यह बात वैदिक धर्मशास्त्रों में कही गई होगी। अब इस शोध के द्वारा इस बात का वैज्ञानिक प्रमाण भी मिल गया है। सारी दुनिया के साथ-साथ भारतीय उच्चतम न्यायलय ने भी इस शोध को मान्यता दी। क्योकि यह प्रमाणितहो चूका है कि किसका कितना DNAयुरेशियनों के साथ मिला है: ब्राह्मणों का DNA 99.99% युरेशियनों के साथ मिलता है। राजपूतों(क्षत्रियों) का DNA 99.88% युरेशियनों के साथ मिलता है। और वैश्य जाति के लोगों का DNA 99.86% युरेशियनों के साथ मिलता है। राजीव दीक्षित नाम का ब्राह्मण
(ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर) ने एक किताब लिखी। उसका पूना में एक चाचा, जो जोशी(ब्राह्मण) है, ने वो किताब भारतमें प्रकाशित की, में भी लिखा है “ब्राह्मण, राजपूत और वैश्यों का DNA रूस में, काला सागर के पास यूरेशिया नामक स्थान पर पाई जाने वाली मोरू जाति और यहूदी जाति से मिलती है !
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Swami Triptanand (8963968789 mp) के एक पोस्ट और शेयर का शेयर इसलिये कर रहा हूं कि आप उनके तर्क को जान सकें !
---------------------------------------स्वामी जी कहते हैं !
" कुछ स्वयंभू धार्मिक चप्पल पर अपने आस्था प्रतीक को
देखकर उत्तेजित होंगे
पर जब लक्ष्मीबम में धनदेवी
के चीथड़े वे अथवा उनके
परिवार जन स्वयं उड़ाते हैं
तब उन्हें कोई ठेस नहीं लगती
पूरे दक्षिण भारत में
मेंगलोर गणेश बीड़ी
चलती है जिसे साधू
संत ब्राह्मण पुजारी सभी
पीते हैं
और उसमें उन्हें कोई
अमर्यादा नज़र नहीं
आती है
सभी देवी देवताओं की
फोटो वाले अगरबत्ती के
खाली पैकेज घूरे पर
मल मूत्र विष्ठा में पड़े हुए
हर कहीं देखे जा सकते हैं
ऐसे में चप्पल जूता निर्माता
अथवा लेट्रिन सीट निर्माता
अपने उत्पाद पर अपने इष्ट
की छवि का उपयोग करे तो
उसमें गलत क्या है ?"
.
Swami Triptanand
8963968789 mp
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Note - " मै एक मुस्लिम ,शादाब ’सहराई’ ऐसी किसी भी क्रित की घोर निंदा करता हूं !किसी की भी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना अच्छी बात नही है "
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मित्रो कलयुग आ चुका है
मार्केट में हमारे देवता गणेश की चप्पल भी आ चुकी है
मित्रो जवाब दो ऐसे लोगों को
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खबर की खबर में छपे पोस्ट (अमन शांति के लंबरदार बुद्धिस्टों का चरित्रhttp://khabarkikhabar.com/archives/1826#comment-26833) के एक कमेंट का जवाब !
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मुहतरम ज़ाकिर साहेब ! मेरा कमेंट छोटा सा था जो एक हिंदू भाइ के कमेंट का प्रति उत्तर था जिस में भारत की बात की गयी थी मैं भी भारतिय हूं इसलिये अपने गिरेबान में झांक कर अपने देश की प्रतिक्रिया की बात की थी ! सारी दुनिया की बात नही की थी ! क्या आप चाहते हैं कि आप जो चाहे वही मैं लिखूं ? फ़िर मैं मुस्लिम दुनिया की बात करता तो आप को एतेराज़ होता कि यहूदी दुनिया की बात क्यों नही किये ? आप के अनुसार क्या ये केवल धार्मिक समस्या है मानवी समस्या नही है ? एक देश और उसमें रहने वालों की ही समस्या है ! नस्ले इंसानी की समस्या नही है ! भारत मेरा देश है इसलिये भी मैंने भारत की बात की ! अब अगर आप चाहते हैं कि आप को मेरे छोटे से कमेंट में आप जो चाहते हो वही लिखा हुआ हो तो ये आप की कमी है मेरी नही !
आप को नज़र नही आता की उपर्युक्त पोस्ट में बात होरही है बर्मा में रोहिंग्या मुसलमानों के कत्ले आम की और यहं कमेंट में लोगो को आज भी विकास पुरुष ही नज़र आरहे है ! वो विकास पुरुष जो सिकंदर को पटना तक पहुंचाते हैं ! श्याम प्रसाद मुखरजी को गुजराती मूल का बताते है ,और कश्मीर के बदले लंदन में मरने की बात करते हैं ! भगत सिंह को काला पानी की जेल की बात करते हैं !संजीवनी बुटी हिमाचल के बद्ले नेपाल से लाने की बात करते हैं ! कितना मैं कहूं ऐसी बहुत सी बातें हैं ! किसान आत्महत्या कर रहे हैं ,पूंजिपतियों की धन संपत्ति में बे पनाह इज़ाफ़ा हो रहा है ! भू अधिग्रहण की बहुत जल्दी है, मंहगाइ शिर्ष पर है ! संप्रदायिक दंगों का उत्थान है, दलितों को ट्रेक्टर से कुचला जारहा है ! न्यायालय के कहने के बावजूद मस्जिद नही बनने दी जार ही है ! चर्च जलाये जारहे हैं ! फिर भी वो विकास पुरुष हैं, महामानव हैं, हर हर हैं ! वाह क्या बात है !
हैरत है !! आप लोगों पर जिनका ये कहना है कि पेशावर में तालिबइल्मों की हत्या या क्वेटा, पर मुस्लिम कुछ नही बोलते जबकि हर ऐसे कुकर्मों पर मुस्लिम उल्मा की मज़म्मत आती है, जमीयतुल उलमा हिंद जगह जगह जाकर ऐलानिया कहती कै कि बेगुनाहों का खून इस्लामी शेआर नेही बल्कि एक बेकसूर इन्सान का कत्ल पूरे आलमे इन्सानी का कत्ल है इख्वान से लेकर सउदी मुफ़्ती ए आज़म इस पर खुले श्ब्दों मे ऐलान करते है कि आतंकवाद की किसी भी सूरत मे इस्लाम इजाज़त नही देता ! हर मुफ़्ती ये कहता है कुरान से लेकर हदीसें भी कहती हैं ! लेकिन आप लोगों को अगर सुनाइ नही दे या सुनना नही चाहें तो कोइ क्या कर स्कता है ! हज़ के खुत्बे से लेकर खाना ए काबा के जुमा के खुतबे में , आलम ए इस्लाम की अकसर हर मस्जिद में ये बात अक्सर कही जाती है ! क्योंकि ये इस्लाम का उसूल और उसकी शरीयत है ! इसके बाद भी आप लोगों को और क्या चाहिये ?? असल में अगर इल्ज़ाम ही मक्सूदे खातिर हो तो आप लोगों को कौन रोक सक्ता है ? मेरा बज़ाते खुद ये इमान है कि बेगुनाह के खून का बदला केसास है ! किन्तु फ़िलस्तीनी और चेचनिया मे अगर कुछ होता है तो वो आतंकवाद होजाता है ! और चौरी चौरा कांड में २८ अंग्रेज जलाये जाते है तो जलाने वाले मुहिब्बे वतन (देश भक्त) बन जाते है ! ऐसा क्यों है ? आप लोग ही इंसाफ़ से कहो ! मैं तो दोनों को ही मुहिब्बे वतन मानता हू ! कि दोनों का काम एक जैसा है उद्देश्य एक है , लेकिन आप लोग ऐसा नही मान सकते ! ये मुझे पता है ! क्यों ? इसका जवाब आप को खुद के अन्दर से मिल जाये गा !! देशभक्त इस्लिये नही बोलता कि इस्लाम, वतन या देश के लिये सर कटाना सिखाता है उसकी पूजा अर्चना करना नही , पूजा केवल अल्लाह या भगवान के लिये ही मखसूस है ,और ये भी कहूं कि संसार के और सारे देशों मे Patriotism में पूजा पाट नही आता, आप आक्सफ़ोर्ड डिकशनरी में भी इसका मतलब देख सक्ते है ,ये सिर्फ़ भारत मे है जहां ब्रहमण समुदाय का काम ही पूजा और भक्ति के नाम पर निर्भर है !

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